MC (एमसी) का मतलब या फुल फॉर्म Menstrual Cycle (मेंस्ट्रूअल साइकिल) मासिक धर्म चक्र होता है।
मेंस्ट्रूअल साइकिल महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम में होने वाले जरुरी बदलाव के साइकिल को कहते है।
यह साइकिल किसी भी महिला में होना जरूरी है, तभी वह बच्चे को पैदा कर पाएगी।

जैसे ही किसी लड़की की उम्र 12 साल से 15 साल होती है, उसे एमसी यानी मेंस्ट्रूअल साइकिल होना शुरू हो जाता है।
लड़कियों में 12 साल या 15 साल के बाद शुरू होने वाले इस बदलाव की अवस्था को मिनार्च कहते हैं।
और यह साइकिल महिलाओं में उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता के अनुसार 45 से 50 साल तक की उम्र तक, हर महीने चलती रहती है।
मेंस्ट्रूअल साइकिल आमतौर पर 28 दिन में पूरा होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 28 से 32 दिन का भी हो सकता है, जो फीमेल के खान-पान और रहन-सहन पर भी निर्भर करती हैं।
फीमेल में एमसी की शुरुआत के साथ ही उनमें बहुत सारे जरुरी शारीरिक बदलाव होते हैं, जैसे स्तन का बड़ा होना आवाज में पतलापन आना आदि।
MC (एमसी)- मासिक धर्म चक्र के 4 चरण
महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के चार चरण हैं, जो इस प्रकार है-

Menstruation मासिक धर्म (खून बह रहा चरण) –
महिलाओं में होने वाले मेंस्ट्रूअल साइकिल के चार चरण होते हैं, जो निम्न है-
मेंस्ट्रूअल फेज मेंस्ट्रूअल साइकिल का पहला चरण होता है, आमतौर पर यह 4 से 7 दिनों का होता है, और यह, वह चरण होता है, जब महिलाओं का पीरियड होता है।
यदि कोई महिला गर्भवती नहीं है, तो केवल मासिक धर्म का यह चरण होता है।
इस चरण के दौरान महिला के पिछले साइकल के दौरान बने अंडे जो फर्टिलाइज नहीं हो पाए, शरीर से बाहर निकलना शुरू हो जाता है।
गर्भाशय की मोटी परत जो गर्भधारण करने में मदद करती अब उसकी जरूरत नहीं रह गई, तो वह योनि के रास्ते बाहर निकल जाती है।
मासिक धर्म के इस अवस्था के दौरान महिलाओं के गर्भाशय से रक्त, बलगम और उत्तक का संजोग निकलता रहता है।
इसीलिए कई बार इस चरण को ब्लीडिंग फ़ेज़ भी कहा जाता है।
फॉलिक्युलर फेज-
मेंस्ट्रूअल फेज खत्म होने के बाद फॉलिक्युलर फेज शुरू होता है।
इस फेज के दौरान अंडाशय में पुनः अंडे का निर्माण शुरू हो जाता है।
फॉलिक्युलर फेज लगभग 8 दिनों का होता है, और आमतौर पर मेंस्ट्रूअल साइकिल के छठे से 14 वे दिन तक चलता है।
इस दौरान महिला के अंडाशय में बहुत सारे अंडे तैयार होते हैं, जिसमें से सबसे स्वास्थ्य एक अंडा बच जाता है, और बाकी सब शरीर के द्वारा सोख लिया जाता है।
ओवुलेशन फेज-
आमतौर पर यह चरण 14 वे दिन के बाद शुरू होता है, इस फेज के दौरान एक स्वस्थ्य अंडा अंडाशय से निकलकर फॉलोपियन ट्यूब मैं आ जाता ।
फॉलोपियन ट्यूब वह जगह होता है, जहां अंडे का मिलन स्पर्म से होता है.।
फॉलोपियन ट्यूब में अगर स्पर्म स्पर्म मौजूद होता है, तो अंडे और स्पर्म के मिलन से प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.।
और अगर फॉलोपियन ट्यूब में स्पर्म मौजूद नहीं होता है, तो अंडा 24 घंटे के बाद मर जाता है, या dissolve हो जाता है.।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि फॉलोपियन ट्यूब में स्पर्म 5 दिनों तक जिंदा रह सकता है,।
तो अगर अंडा के फॉलोपियन ट्यूब में आने से पांच दिन पहले भी महिला ने शारीरिक सम्बन्ध बनाये है, तो भी प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
लुटील फेज-
लुटील फेज लगभग दिनों का होता है, और 14वे दिन से शुरू हो जाता है (अगर साइकल 28 का है )
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है की लुटील फेज तभी आता है अगर महिला प्रेग्नेंट नहीं होती है।
इस अवस्था में कॉर्पस ल्यूटियम, जो कूप के अवशेष हैं, टूट जाते हैं।
जिसके कारण गर्भाशय मैं बनी मोटी परत विघटित होने लगती है, और पीरियड का कारण बनती है।
कुछ कारण जिसके कारण मासिक धर्म चक्र बदल सकते हैं
- Pregnency
- जन्म नियंत्रण
- गर्भाशय फाइब्रॉएड
- पॉलीसिस्टिक सिंड्रोम
- भोजन विकार
- नींद न आने की बीमारी
सभी महिलाओ को अपने मेंस्ट्रूअल साइकिल को अच्छे से समकझना चाहिए, क्योंकि मेंस्ट्रूअल साइकिल को समझकर एक महिला गर्भवती होने या ना होने की प्रक्रिया को बहुत आसान बना सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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