GDP (जीडीपी) का फुल फॉर्म या मतलब Gross Domestic Product (ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट), या सकल घरेलू उत्पाद होता है
जीडीपी का मतलब है किसी भी देश का संपूर्ण उत्पादन।
कृषि, इंडस्ट्री, और सर्विसेस के फील्ड में जो पूरा प्रोडक्शन होता है उसे ही उस देश का जीडीपी यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट कहते हैं
1 साल में किसी देश में तैयार होने वाले उत्पाद और सेवाओं को मिला दे, और उसकी कीमत बाजार के मुताबिक लगाएं, तो उसे ही उस देश की अर्थव्यवस्था की जीडीपी कहते हैं

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि इंडिया में केवल एक ही प्रोडक्ट बनता है और वह है कलम
अगर साल भर में 20 रुपये के 10 कलम बनाये गए, तो इंडिया की जीडीपी 200 रुपये हुई
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं की जीडीपी मतलब 1 साल का किसी देश का पूरा प्रोडक्शन
जीडीपी की मदद से हम देश की अर्थव्यवस्था और प्रोग्रेस को आसानी से माप सकते हैं
किसी देश की जीडीपी से उसके आर्थिक स्थिति का पता चलता है इसीलिए इसे विकास दर भी कहा जाता है
जीडीपी का इतिहास
जीडीपी गणना की शुरुआत अमेरिका में 1934 में हुई जब अमेरिकन इकोनॉमिस्ट साइमन kuznets ने अमेरिकन संसद में नेशनल इनकम रिपोर्ट 1929 से 1934 पेश किया
इस रिपोर्ट में पहली बार उन्होंने देश में हुए हर प्रोडक्शन और सर्विसेस के उत्पाद को शामिल किया
भारत में भी 1950 से जीडीपी के आधार पर ही अर्थव्यवस्था मापी जाती है
जीडीपी की गणना कैसे की जाती है?
जीडीपी की गणना करने के लिए एक स्टैंडर्ड फार्मूला तैयार किया गया है, जिसे आज दुनिया के अधिकतर देश मानते हैं, और उसी के अनुसार अपने देश की जीडीपी की गणना करते हैं
GDP = C + I + G + (X – M)
यहाँ C का अर्थ है- उपभोग (राष्ट्र अर्थव्यवस्था के भीतर सभी निजी उपभोक्ता खर्च)
यहाँ I का अर्थ है- देश के निवेश का योग
यहाँ G का अर्थ है – कुल सरकारी खर्च
यहाँ X का अर्थ है- देश के कुल निर्यात
यहाँ M का अर्थ है- देश का कुल आयात
या दूसरे शब्दों में, हम इस सूत्र का उपयोग कर सकते हैं
जीडीपी = कुल निजी खपत + कुल सकल निवेश + कुल सरकारी निवेश + कुल सरकारी खर्च + (निर्यात – आयात)। कृपया ध्यान दें कि मात्रा और कीमत में बदलाव के कारण नाममात्र का मूल्य बदल जाता है।
जब किसी भी देश का जीडीपी कैलकुलेशन किया जाता है, तो कृषि ,उद्योग और सर्विस के अलावा सबसे ज्यादा प्रभाव इस बात का होता है कि उस देश में कितना सामान इंपोर्ट या एक्सपोर्ट किया है
उदाहरण के लिए अगर इंडिया में हम लोग कोई सामान खरीदता है, जो चीन में बना है, तो उस सामान का दाम चीन के जीडीपी कैलकुलेशन में जोड़ा जाएगा, और भारत के जीडीपी कैलकुलेशन में वह नेगेटिव इंपैक्ट डालेगा
भारत की जीडीपी
भारत के जीडीपी की गणना हर 3 महीने में एक बार की जाती है और यह देखा जाता है कि पिछले तिमाही के मुकाबले अभी ताजा जीडीपी क्या है
भारत दुनिया के सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसकी जीडीपी बहुत अच्छी रही है
भारत की मौजूदा जीडीपी लगभग दो लाख करोड़ रुपए के करीब हैं, जो कि दुनिया भर की कुल जीडीपी का 2% से ज्यादा है
2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ पांच परसेंट के करीब रही है
भारत में जीडीपी को नापने की जिम्मेवारी मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन के तहत आने वाले सेंट्रल स्टैटिक्स ऑफिस यानी CSO का है
जीडीपी गणना की कमियां
बहुत सारे अर्थशास्त्री मानते हैं, की भारत और कई अन्य देशों की जीडीपी गणना में कई कमियां है, जिसे दूर करने की जरूरत है, कुछ कमियां इस प्रकार हैं-
- अभी जीडीपी कैलकुलेशन का जो मॉडल अपनाया जाता है उसमें कालेधन का कैलकुलेशन नहीं किया जाता है
- अगर कोई कंपनी किसी दूसरे देश में जाकर फायदा कमाती है, तो उसकी आमदनी को जीडीपी में नहीं जोड़ा जाता है
- जीडीपी कैलकुलेशन में केवल आर्थिक पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है लोगों के सामाजिक स्थिति या रहन सहन को आस्थान नहीं दिया जाता है
- जीडीपी कैलकुलेशन में बच्चों के सेहत और शिक्षा की क्वालिटी को भी शामिल नहीं किया जाता है
Simalar Full Forms-
अजय कुमार एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जो एक दशक से अधिक समय से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनकी शिक्षा और टेक्नोलॉजी से संबंधित वेबसाइट और YouTube चैनल को लोगों ने काफी पसंद किया है। वह आसान भाषा में टेक्निकल टर्म को समझाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
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