BDS (बीडीएस) का मतलब या फुल फॉर्म Bachelor of Dental surgery (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) होता है
बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी मेडिकल फील्ड का एमबीबीएस के बाद दूसरा सबसे फेमस कोर्स है
यह 5 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है जिसके दौरान दांत के बारे में सब कुछ पढ़ाया जाता है
इस 5 साल के कोर्स के दौरान 4 साल प्रैक्टिकल और थियोरेटिकल मेथड से दांत और उससे जुड़ी बीमारियों के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है, आखिरी का 1 साल कंपलसरी इंटर्नशिप होता है

बीडीएस कोर्स करने के बाद स्टूडेंट को डॉक्टर की उपाधि मिल जाती है और उसे दांत से जुड़ी हर तरह के बीमारी का इलाज करने का अनुमति मिल जाता है
भारत में डेंटल कोर्स को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया यानी डीसीआई रेगुलेट करती है
भारत में कुल 313 डेंटल कॉलेज हैं, जिसमें बीडीएस के 28 हजार के करीब सीट है
BDS (बीडीएस) पाठ्यक्रम के लिए पात्रता
भारत में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स 12वीं यानी इंटरमीडिएट के बाद किया जा सकता है
स्टूडेंट का इंटरमीडिएट में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ मिनिमम 50 % मार्क होना जरूरी है
रिजर्व कैटेगरी स्टूडेंट के लिए 40% मार्क्स ही जरूरी है
बीडीएस ऐडमिशन के समय छात्र की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए और नीट एंट्रेंस एग्जाम में क्वालीफाई करना चाहिए
बीडीएस प्रवेश प्रक्रिया
BDS प्रवेश के लिए NEET प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।
एनईईटी योग्य छात्रों को काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से भारत भर के कॉलेजों में से किसी भी पसंदीदा कॉलेज को चुनने का अवसर मिलता है।
काउंसलिंग के दौरान अधिकतर छात्र जानकारी डेंटल कॉलेज में एडमिशन की कोशिश करते हैं, क्योंकि सरकारी डेंटल कॉलेज का फीस कम होता है, वहीं प्राइवेट डेंटल कॉलेज का फीस बहुत ज्यादा होता है
इस कोर्स का फीस सरकारी कॉलेज के लिए हर साल ₹100000 तक होता है, वही प्राइवेट कॉलेज के लिए 200000 से ₹300000 सालाना तक होता है
BDS (बीडीएस) कोर्स का स्कोप
भारत में बीडीएस एकमात्र डेंटल सर्जरी से रिलेटेड कोर्स है, इसलिए दांत से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी का इलाज या सुझाव के लिए बीडीएस कोर्स करना जरूरी है
भारत में लोगों के शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ ही ओरल हाइजीन की समझ भी बढ़ी है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने दांतों का सही देखभाल और इलाज के लिए डेंटिस्ट के पास जा रहे हैं
इससे डेंटिस्ट की डिमांड और उनकी कमाई में भी सकारात्मक फर्क आया है
बीडीएस कोर्स करने वाले स्टूडेंट सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में आज अच्छी सैलरी पाते हैं
बीडीएस कोर्स के इंटर्नशिप के दौरान कोई स्टूडेंट 15 से ₹25000 तक कमा सकता है और परमानेंट काम मिल जाने के बाद ५० हजार से ₹100000 तक की भी शुरुआती सैलरी पा सकता है
वही बहुत सारे स्टूडेंट हायर एजुकेशन मतलब मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स के लिए भी चले जाते हैं, जिसके बाद उनकी जॉब की चांस और सैलरी बहुत अच्छी हो जाती है
बहुत सारे बीडीएस डॉक्टर अपना खुद का क्लीनिक शुरू करके भी बहुत अच्छी कमाई करते हैं
बीडीएस कोर्स के लिए शीर्ष कॉलेज
भारत के कुछ टॉप बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कॉलेजेस की लिस्ट निम्न है-
- मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेज, न्यू दिल्ली
- मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई
- फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज, बीएचयू वाराणसी
- नैर हॉस्पिटल डेंटल कॉलेज, मुंबई
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू
- फैकेल्टी आफ डेंटल साइंसेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ
- पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंसेज, रोहतक
- श्री रामा चंद्र डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल चेन्नई
- एसआरएम डेंटल कॉलेज चेन्नई
- गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल औरंगाबाद
- द ऑक्सफोर्ड डेंटल कॉलेज, बेंगलुरु
- आर्मी कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंसेज, सिकंदराबाद
BDS (बीडीएस) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल
क्या BDS से MBBS तक कोई ब्रिज कोर्स है?
जी हां,
जो स्टूडेंट बीडीएस करने के बाद एमबीबीएस कोर्स करना चाहते थे उनके लिए भारत सरकार ने 2019 में नया नियम जारी किया
कोई भी बीडीएस कंप्लीट कर चुका स्टूडेंट 3 साल के एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में ज्वाइन कर सकता है, 3 साल के इस ब्रिज कोर्स के बाद उस स्टूडेंट को एमबीबीएस की डिग्री भी मिल जाएगी
शुरुआत में यह कोर्स केवल सरकारी मेडिकल कॉलेज से ही किया जा सकता है और कुछ सालों बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस को भी इस ब्रिज कोर्स की इजाजत दी जाएगी
कौन सा बेहतर MBBS या BDS ?
एमबीबीएस और बीडीएस दोनों ही मेडिकल से जुड़े कोर्स हैं, जिसके बाद आप डॉक्टर बन जाते हैं
जहां एमबीबीएस कोर्स के बाद आप मानव शरीर के हर अंग से जुड़ी बीमारियों को देख सकते हैं, और उसका इलाज कर सकते हैं
वहीं बीडीएस कोर्स करने के बाद आप केवल दांत का डॉक्टर बनते हैं, मतलब आप दांत से जुड़ी बीमारियों को देख सकते हैं, और उसका इलाज कर सकते हैं
इसीलिए कई बार लोग ऐसा मानते हैं कि एमबीबीएस करना ज्यादा बेहतर है बीडीएस के मुकाबले
इसी तरह के समान फुल फॉर्म
Bhut accha lga read karne ke baad .bhut difine kiya h
Nice Article. Keep it Up.