IFS (आईएफएस) का फुल फॉर्म या मतलब Indian Foreign service (इंडियन फॉरेन सर्विस), Indian Forest Service (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) होता है।
आईएफएस का फुल फॉर्म हिंदी में भारतीय विदेश सेवा है
आईएसएस एक बहुत ही फेमस एक्रोनीम है जिसके कई फुल फॉर्म बहुत ही ज्यादा चलन में है उनमें से दो के बारे में हम इस आर्टिकल में डिस्कस करेंगे।
IFS (आईएफएस)- Indian Foreign service (इंडियन फॉरेन सर्विस)
भारतीय विदेश सेवा भारत सरकार की कार्यकारी शाखा के तहत केंद्रीय सिविल सेवाओं में से एक है।
यह यूपीएससी द्वारा अपेक्षित समूह ए और समूह बी के तहत प्रशासनिक राजनयिक सिविल सेवा है।
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यह एक राजनयिक सेवा है, जो विदेशों में देश के बाहरी मामलों को संभालती है।
एक IFS अधिकारी का दायरा भारत की कूटनीति, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को विदेशों में अच्छी तरह से मैनेज करना है।

फिलहाल भारत के आईएफएस अधिकारी दुनिया के 162 से ज्यादा देश में इंडियन डिप्लोमेटिक मिशन पर काम कर रहे हैं।
यह दो सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा पदों में से एक है, जिसके बाद आप यूपीएससी परीक्षा दोबारा नहीं लिख सकते हैं। पहला पद IAS है।
यूपीएससी एग्जाम में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को ही इंडियन फॉरेन सर्विस जॉइन करने का मौका मिलता है।
इतिहास
भारत में इंडियन फॉरेन सर्विस का इतिहास बहुत पुराना है, और इसकी शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा 1783 में की गई थी।
आईएफएस का मॉडर्न और अभी लागु रूप 9 अक्टूबर 1946 को बनाया गया।
पात्रता
- कोई भी भारतीय स्टूडेंट जिसमें किसी भी विषय से ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लिया है, IFS और अन्य 24 पोस्ट के लिए कंडक्ट किए जाने वाले यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में अपीयर हो सकता है।
- छात्र की आयु कम से कम 21 साल और अधिक से अधिक 32 साल होनी चाहिए।
यहां अधिकतम आयु में अलग-अलग कैटेगरी के अनुसार 3 से 5 साल तक की छूट दी गई है। - कोई जनरल कैटेगरी से बिलोंग करने वाला छात्र, मैक्सिमम 6 बार आईएएस एग्जाम के लिए अटेम्प्ट कर सकता है।
वही ओबीसी के स्टूडेंट 9 बार और एससी एसटी स्टूडेंट्स के लिए कोई लिमिट नहीं रखा गया है।
एग्जाम पैटर्न
IFS (आईएफएस) पोस्ट के लिए जो यूपीएससी द्वारा एग्जाम कंडक्ट किया जाता है, उसके तीन निम्न चरण होते हैं-
- प्रिलिमनरी
- मेंस एग्जाम
- इंटरव्यू
आईएफएस ऑफीसर पोस्ट और प्रमोशन
- Third Secretary- Entry level
- Second Secretary
- First Secretary
- Counsellor
- Minister
- Deputy High Commissioner
- Ambassador
आईएफएस ऑफिसर को मिलने वाली सुविधाएं-
एक आईएफएस ऑफिसर की ट्रेनिंग के बाद जब पोस्टिंग दूसरे देश में होती है, तो यह सब सुविधाएं मिलती है-
- परिवार के साथ रहने के लिए अच्छा घर
- कार ड्राइवर के साथ
- बिल- पानी, बिजली, मोबाइल जैसे सभी बिल
- लोकल लैंग्वेज सीखने के लिए आर्थिक मदद
- लोकल कल्चर सीखने के लिए आर्थिक मदद
- ऑफिसर के 2 बच्चों तक को पढ़ाने का पूरा खर्च
सैलरी
आईएफएस ऑफिसर की सैलरी भी आईएएस के बराबर ही होती है, यानी शुरुआत में एक इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफीसर को 50000 से ₹70000 महीने का मिल सकता है, इसके अलावा जिस देश में ऑफिसर की पोस्टिंग होगी उस देश के करेंसी के हिसाब से अलग से हर महीने दो से ₹300000 मिलेंगे।
IFS (आईएफएस) ऑफिसर के पोस्ट और जिम्मेदारियां
इंडियन फॉरेन सर्विस अधिकारियों को विदेशी धरती पर भारत के लिए बहुत सारे काम करने होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न है-
- भारत को अपने दूतावासों, उच्च आयोगों, वाणिज्य दूतावासों और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में स्थायी मिशनों का प्रतिनिधित्व करना;
- एनआरआई और पीओआई के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध को बढ़ावा देना;
- उनकी पोस्टिंग के देश में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना;
- जिस देश में अधिकारी की पोस्टिंग है उसके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध को बढ़ावा देना;
- विदेशियों और भारतीय नागरिकों को विदेश में कांसुलर सुविधाएं प्रदान करना;
- पोस्टिंग के देश में विकास और नई नीतिओं पर सटीक रिपोर्टिंग करना, जो भारत की नीतियों के निर्माण को प्रभावित करने की संभावना है;
- जिस देश में अधिकारी का पोस्टिंग है, वहां के अधिकारियों के साथ अलग अलग मुद्दों पर समझौता वार्ता करना।
कौन सा बेहतर है IFS या IAS?
आईएएस और आईएफएस दोनों ही सबसे बेहतरीन सिविल सर्विसेस के पोस्ट हैं, और दोनों में ही सैलरी लगभग बराबर ही मिलता है।
जहां आईएएस अधिकारी को देश के अंदर देश के लोगों के लिए काम करने का मौका मिलता है, वही आईएफएस अधिकारी को विदेश में रहकर लोगों के लिए काम करने का मौका मिलता है।
दोनों ही अधिकारियों की सैलरी लगभग बराबर होती है, लेकिन आईएफएस अधिकारी को बहुत सारे दूसरे अलाउंस मिलते हैं, जिससे उनका हर महीने का कमाई आईएएस अधिकारी के मुकाबले ज्यादा हो जाता है।
आईएफएस अधिकारी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को रिप्रेजेंट करते हैं, जिसके कारण उन्हें ज्यादा ख्याति और रिस्पेक्ट मिलता है।
IFS (आईएफएस)- Indian Forest Service (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस)
जैसा कि ऊपर बताया गया है आईएफएस का दूसरा फेमस फुल फॉर्म इंडियन फॉरेस्ट सर्विस होता है।
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस या भारतीय वन सेवा केंद्रीय प्रशासनिक सेवा में से एक है, जो वन और वन्यजीव से संबंधित है।
ये अधिकारी वानिकी, वन्यजीव, मृदा संरक्षण, पर्यावरण और ग्रामीण विकास में अपनी विशेषज्ञता के साथ, वन क्षेत्र के प्रबंधन में सरकार की सहायता करते हैं।

भारत में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस पोस्ट की शुरुआत 1966 में, ऑल इंडिया सर्विसेज एक्ट 1951 के तहत भारत सरकार द्वारा की गई।
पात्रता और परीक्षा पैटर्न भारतीय वन अधिकारी और भारतीय विदेश अधिकारी के लिए समान है। (जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है)।
भारतीय वन अधिकारी पद और वेतन
राज्य सरकार में पोस्ट | केंद्र सरकार में पोस्ट | वेतन, रुपये में |
प्रोबेशनरी ऑफिसर / सहायक वन संरक्षक | सहायक वन महानिरीक्षक | 56,100 |
उप वन संरक्षक | सहायक वन महानिरीक्षक | 67,700-1,18,500 |
वन संरक्षक | वन उप महानिरीक्षक | 1,50,000 |
मुख्य वन संरक्षक | वन महानिरीक्षक | 1,75,000 |
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक | अपर वन महानिदेशक | 2,00,000 |
प्रधान मुख्य वन संरक्षक | अपर वन महानिदेशक | 2,05,400 |
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल के प्रमुख) | वन महानिदेशक | 2,25,000 |
इस आकर्षक वेतन के अलावा, वन अधिकारियों को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं, जैसे- परिवार के साथ रहने के लिए मुफ्त बंगला, ड्राइवर के साथ कार, और अन्य।
Bhartiya Videsh Sachiv Rajdoot ki salary 225000 se shuru hokar adhiktam Kitni ho sakti hai
3.5 lakhs tak ho sakti hai
Sab Kuchh sahi hai lekin ine Logon Ko Bhi chalane ke liye ek Anpadh Neta Aam Janata ke bich Mein chune Jaate ise Adhyaksh kahan ja sakta hai.
Baat to aapki puri sahi hai